गाजीपुर: प्रांतीयकरण और टेंडर पास न होने के चलते गंगा नदी पर पीपा पुल नहीं बन पा रहा है। ऐेसे में सेवराई तहसील सहित बिहार प्रांत के लोगों को 50 किलोमीटर की दूरी ज्यादा तय कर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर पहुंचना पड़ रहा है। पुल बन जाए तो यही दूरी महज 12 किलोमीटर रह जाती है। सेवराई तहसील क्षेत्र के बारा, गहमर गांव के किसानों की गंगा उस पार बाढ़ क्षेत्र में 75 फीसदी खेती है। वहीं कमसार-ओ- बार के लोगों की रिश्तेदारियां भी मुहम्मदाबाद तहसील और बलिया जिले के विभिन्न गांवों में हैं। आवागमन के लिए पीपा पुल ही एक मात्र रास्ता है। जनवरी 2022 में पीपा पुल बना था। बरसात के दौरान बाढ़ की आशंका के चलते पुल के पीपे 15 जून को खोल दिए गए। पानी कम होने पर 15 अक्तूबर से पुल फिल से चालू हो जाना चाहिए था। लेकिन छह माह से अधिक बीत चुके पुल नहीं बनाया गया। ऐसे में बारा, गहमर के किसानों के अलावा मुहम्मदाबाद व बलिया जिले के विभिन्न गांवों में आवागमन और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक पहुंचने के लिए सेवराई तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों के लोगों सहित बिहार प्रांत के दर्जनों गांवों के लोगों को 50 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। लोगों गंगा उस पार जाने के लिए जिला मुख्यालय या फिर बिहार बक्सर होकर जाना पड़ रहा है। इससे समय के साथ ही आर्थिक बोझ भी लग रहा है। बारा में गंगा घाट पर पुल कब बनेगा और कब पुल से आवागमन शुरू होगा, इसको लेकर लोग असमंजस में हैं।