करीमुद्दीनपुर(गाजीपुर):महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व समाजवादी चिंतक पं रामचंद्र शर्मा की 11 वी पुण्यतिथि के अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त द्वारा सांसद निधि से निर्मित सेनानी पार्क का लोकार्पण व स्व शर्मा प्रतिमा का अनावरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि करइल की मिट्टी में अद्भुत शक्ति है जिस क्षेत्र इस मिट्टी के लोग है उसमें वे सर्वोच्च है। कुश्ती में मंगला राय है साहित्य में विवेकी राय है तो वही पत्रकारिता में रामबहादुर राय ने सर्वोत्तम शिखर को छुआ है।इसी मिट्टी से पं रामचंद्र शर्मा थे जिन्होंने भाषायी भिन्नता के बावजूद पश्चिम बंगाल में अपना परचम लहराया।इन्होंने आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया वही आजादी के बाद जब लोकतंत्र खतरे में पड़ गया तब आगे बढ़कर इमरजेंसी का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि उन्हें स्वामी सहजानंद के साहित्य को पढ़कर सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलती है क्योंकि भारत के 72 प्रतिशत किसान है अगर किसान समृद्ध होगा।किसानों की दशा सुधारने के लिए यह सरकार काफी प्रयास कर रही है।अभी 40 प्रतिशत खेतो में दो फसलें पैदा होती है इसका क्षेत्रफल धीरे धीरे बढ़ाना होगा।उन्होंने सेनानी पार्क के लिए वाचनालय देने की घोषणा भी की।इस अवसर पर राज्य पुरस्कार प्राप्त किसान पंकज राय को सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने सम्मानित भी किया।
विशिष्ट अतिथि ने कहा कि पं रामचंद्र शर्मा का आजादी में योगदान अतुलनीय है इस क्षेत्र के लोगो के लिए प्रेरणास्रोत है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक श्रीमती अलका राय, वीरेंद्र राय,डॉ व्यासमुनि राय,प्रो पीयूष कांत राय राय,प्रो शशांक राय ,प्रगतिशील किसान पंकज राय, जिला पंचायत सदस्य अनिल राय मुन्ना ,राजेश राय बागी,रविन्द्र नाथ राय हिमांशु राय,कृष्णानंद राय,देवा सिंह,संपूर्णानंद उपाध्याय,नथुनी सिंह ,सतीश राय,आदि मौजूद रहे।सभा की अध्यक्षता सत्येंद्र राय संचालन शशांक शेखर राय ने किया व आभार ग्राम प्रधान रविशंकर राय संजू ने ज्ञापित किया।
करीमुद्दीनपुर।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं रामचंद्र शर्मा की स्मृति में सांसद निधि द्वारा 10 लाख रु की लागत से सेनानी पार्क का निर्माण किया गया है।स्वर्गीय पं रामचंद्र शर्मा पश्चिम बंगाल में आजाद दस्ता के सदस्य थे।आजादी की लड़ाई में उन्होंने क्रांतिकारियों को शस्त्र उपलब्ध कराने का कार्य किया और जेल के दो साल की कड़ी यातना झेली।आजादी के बाद वे गरीबो मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ी।इमरजेंसी में बंगाल में कांग्रेस सरकार के खिलाफ बोलने का कार्य किया।