गाजीपुर :मुहम्मदाबाद तहसील अंतर्गत शेरपुर कला निवासी पद्मश्री से सम्मानित स्व0 सीताराम पाल का 98वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई।इस दौरान उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया गया।साथ ही उनके कृतत्व व व्यक्तित्व के बारे में प्रकाश डाला गया।कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि सीताराम पाल का नाम गरीब व गरीबो को नजदीक से जानने वालोंमें,शोषितो,पीड़ितों व वंचितों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जीवन पर्यंत सँघर्ष करते रहे।समाज में समरसता कायम करने के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय रहा है।
पद्मश्री प्राप्त सीताराम पाल के सँघर्ष का एक नजर
शेरपुर कला गांव निवासी हरिनारायण पाल के पुत्र सीताराम पाल की उत्कृष्ट कंबल बुनाई को कलात्मक सामाजिक कार्य मानते हुए केंद्र सरकार ने उनका चयन पद्मश्री सम्मान के लिए किया था। वर्ष 1981 में 28 मार्च को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. नीलम संजीव रेड्डी ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा था।
बीमारी और अपनी बेबसी से आजिज आकर सीताराम ने वर्ष 2011 में केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता देने की गुहार लगाई। आर्थिक सहायता न मिलने पर उन्होंने सम्मान में मिले तमगे को जलाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए दो लाख रुपये का चेक उपलब्ध कराया जिसे तत्कालीन सांसद नीरज शेखर ने उन्हें प्रदान किया था। केंद्र सरकार की तरफ से भी 50 हजार रुपये का चेक उन्हें बतौर सहायता प्रदान किया गया। उनके दो पुत्र श्रवण और शशि हैं।