गाज़ीपुर न्यूज़

भाव गीत व मिट्टी के खिलौने के से आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को किया जाएगा शिक्षित

ग़ाज़ीपुर- अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन के माध्यम से जनपद में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रीय में से प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आगनबाडी केंद्र बनाकर बच्चों को बिना किताब और बिना बैग के शिक्षा दिए जाने के पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम जनपद के सैदपुर व देवकली परियोजना पर 16 नवंबर को की गई। जिसमें बच्चों को भाव गीत संगीत के साथ उनके सर्वांगीण विकास के अन्तर्गत सामाजिक , शारीरिक,बौद्धिक ,मानसिक व भाषा का विकास आंगनबाड़ी के द्वारा किया जायेगा ।
देवकली परियोजना में एक दिवसीय बच्चों के प्रारंभिक देखभाल व शिक्षा कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ । जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप पांडेय ने बताया कि मास्टर ट्रेनर के द्वारा द्वितीय चरण में 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को तैयार किया जा रहा है ।इस तरह जनपद के प्रत्येक परियोजना में 10-10 आंगनबाड़ी केंद्र ई सी सी ई मॉडल के आधार पर तैयार किए जाएंगे। इस प्रकार प्रथम चरण के प्रशिक्षण उपरांत फिर द्वितीय चरण में क्षमता वृद्धि का पुनः प्रशिक्षण कराया जाएगा। साथ ही समय-समय पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के अनुरूप आवश्यकतानुसार बदलाव किए जायेंगे ।

इस प्रशिक्षण में केंद्र पर प्राप्त संसाधनों के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्र को सुसज्जित करने व अधिक से अधिक बच्चों को केंद्रों पर एकत्र करने एवं समय सारणी के अनुसार केंद्रों को संचालन करने हेतु प्रशिक्षण दिया गया। मॉडल केंद्रों को ईसीसीई पैटर्न के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित किया गया। जिसमें बच्चों को कागज पर आकार बनाकर विभिन्न प्रकार के रंगों को भरना ,चित्र के माध्यम से कहानी सुनाना ,कपड़ों के विभिन्न आकार त्रिकोण चौकोर गोल आयताकार इत्यादि की जानकारी देने के साथ ही भाव गीत के माध्यम से गिनती और अक्षरों का ज्ञान कराना सिखाया गया।

स्वस्थ भारत प्रेरक जितेंद्र कुमार गुप्ता ने प्रशिक्षण के अन्तर्गत मॉडल आंगनबाड़ी के कार्यकत्री व सुपोषित गांव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री व समस्त सुपरवाइजर व सीडीपीओ को बच्चों के प्रारंभिक देखभाल व शिक्षा के अन्तर्गत प्रेजेंटेशन के माध्यम से भावगीत खेल – खेल के माध्यम से बच्चों को शिक्षा के प्रति कैसे जागरूक। सामाजिक ,बौद्धिक , भावनात्मक, मानसिक, शारीरिक व भाषा के विकास के लिए अलग -अलग तरीके भी बताए गए। देवकली परियोजना पर तहसील के नोडल माधुरी सिंह व देवकली परियोजना प्रभारी कंचनलता यादव सुपरवाइजर संध्या सिंह , सुनीता सिंह,मीरा,मिथलेश ,बेबी श्रीवास्तव मानती,उषा ,आशा ,सरिता पुष्पा
,संतरा उपस्थित रहीं ।