ग़ाज़ीपुर, 2 अगस्त 2019 – विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को जिला महिला चिकित्सालय में ‘स्तनपान विकल्प नहीं संकल्प है एवं मां का असीम आशीर्वाद है’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ के के वर्मा द्वारा की गयी।डॉ के के वर्मा ने बतायाबहुत सी महिलाओं में यह धारणा होती है कि ‘दूध हो ही नहीं रहा तो कैसे पिलाएं’ के बारे में कहा कि जन्म के पहले दिन बच्चे के पेट का आकार एक अंगूर के दाने के बराबर होता है और दूसरा दिन थोड़ा सा बढ़कर अखरोट के साइज का हो जाता है, इस तरह जैसे-जैसे बच्चे के पेट का साइज बढ़ता है वैसे-वैसे मां के स्तन में भी दूध बढ़ता जाता है। उन्होंने बताया शिशु के लिए मां का दूध सर्वोपरि एवं सर्वोत्तम आहार है और यह उसका मौलिक अधिकार भी है।इस जिसमें शामिल महिला और स्टाफ नर्स के द्वारा कई तरह के सवाल उठाए गए और उसका बखूबी जवाब गोष्ठी में शामिल डॉक्टरों के द्वारा दिया गया।इस दौरान गोष्ठी में सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कॉर्नर के बारे में भी चर्चा की गयी। रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर स्तनपान कॉर्नर की व्यवस्था की गयीहै। गोष्ठी में शामिल स्टाफ नर्स और अन्य महिलाओं से भी स्तनपान को लेकर सवाल जवाब का कार्यक्रम भी किया गया।इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करंडा में भी उपकेंद्र मैनपुर के अंतर्गत विश्व स्तनपान सप्ताह पर बैठक आयोजित की गयी जिसमें एएनएम सुषमा राय द्वारा स्तनपान के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई।गोष्ठी में जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ तारकेश्वर, एसीएमओ डॉ आर के सिन्हा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ पंकज सुथार, सीडीपीओ सोना सिंह, स्वस्थ भारत प्रेरक जितेंद्र गुप्ता, लेखाकार अमित राय, अर्बन कंसलटेंट अशोक कुमार, अर्बन अकाउंट मैनेजर मिथिलेश प्रजापति एवं स्टाफ नर्स मौजूद रहीं।