गाजीपुर। अमावस्या और सूर्य ग्रहण का संयोग। तीन-तीन योग एक साथ एक दिन दिखेगा। इसके साथ ही आज मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। आज रात 10 बजकर 14 मिनट से सूतक काल शुरू हो जाएगा। विक्रम संवत् 2077 शाके 1942, आषाढ़ कृष्ण अमावस्या, रविवार, दिनांक 21 जून 2020 को खंडग्रास सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण चूड़ामणि योग युक्त होगा। यह भारत में देशभर में दिखाई देगा। भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व यूरोप, मध्य पूर्व के देशों, एशिया, इंडोनेशिया में दिखाई देगा। इस सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाएगा। यह ग्रहण मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्र पर, मिथुन राशि पर लगेगा। सार्वभौमिक परिदृश्य में इसका आरंभ दिन में 09:16 बजे होगा और मोक्ष 15:04 बजे होगा किंतु ग्रहण का समय प्रत्येक स्थान पर अलग-अलग होता है। रविवार, 21 जून को दिन में 10:35 बजे से दिन में 14:10:30 बजे तक यह ग्रहण रहेगा। यह झारखंड की राजधानी रांची और उसके समीपवर्ती इलाके का समय है। इसका सूतक शनिवार, दिनांक 20 जून को रात 10:20 बजे से ही प्रारंभ होगा। इसका ग्रासमान 95.2% होगा। इस ग्रहण के कारण पृथ्वी पर अंधकारमय स्थिति होगी। विश्व के लिए यह ग्रहण हानिकारक होगा।
निम्न राशि वालों के लिए यह ग्रहण लाभदायक होगा
मेष, सिंह, मीन और कुछ हद तक वृश्चिक
निम्न राशि वालों के लिए हानिकारक होगा
वृष, मिथुन, कर्क, तुला, कन्या, धनु, मकर और कुंभ
सूतक एवं ग्रहण काल में यह करना वर्जित
सूतक एवं ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श करना, अनावश्यक खाना-पीना, निद्रा, तेल मर्दन वर्जित है। झूठ-कपट आदि वृथा अलाप, नाखून काटने आदि से परहेज करना चाहिए। वृद्ध, रोगी, बालक एवं गर्भवती स्त्रियों को यथा अनुकूल भोजन या दवाई आदि लेने में कोई दोष नहीं है।गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सब्जी काटने, शयन करने, पापड़ सेकने आदि उत्तेजक कार्यों से परहेज करना चाहिए तथा धार्मिक ग्रंथ का पाठ करते हुए प्रसन्नचित रहें। इससे भावी संतति स्वस्थ एवं सद्गुणी होती है। गर्भवती महिलाएं पेट पर गाय के गोबर का पतला लेप लगा लें तथा संभव हो तो सुंदरकांड का पाठ करें।