करीमुद्दीनपुर (गाजीपुर) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा जोगामुसाहिब में एक कृषि गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में वैज्ञानिक कृषि प्रसार डॉ सुभोदीप रॉय ने कहा कि इस क्षेत्र में सब्जी की काफी पैदावार होती है।केले की खेती भी शुरू हो गयी है लेकिन मधुमक्खी पालन और मशरूम की खेती कर और भी अधिक लाभ कमा सकते है। वैज्ञानिक डॉ सुदर्शन मौर्या ने कहा कि इस समय मशरूम का महत्व बढ़ रहा है चाहे कही कोई दावत है वहा मशरूम की सब्जी जरूर होती है इसके अतिरिक्त औषधि में भी इसका प्रयोग है।मशरूम दो प्रकार का होता है एक बटन प्रजाति और दूसरा वेस्टर्न है।100 किलो भूसे में अगर वेस्टर्न मशरूम लगाया जाय तो 70 किलो मशरूम पैदा किया जा सकता है। इसकी खेती घर मे की जाती है इसकी खेती वर्टिकल होती है जिससे कम जगह में अधिक पैदा किया जा सकता है।मशरूम बीस दिन में निकलना शुरू हो जाता है और लगभग इसमें तीन गुना लाभ होता है।मशरूम में दो तरह के मशरूम है एक औषधीय और दूसरा सामान्य।मशरूम में प्रोटीन एन्टीऑक्सीडेंट विटामिन डी सेलेनियम व अन्य प्रकार के मिनिरल पाए जाते है।जापान में इसका प्रयोग अधिक होता है जिससे वहां की औसत आयु अधिक है।इसके बाद टीम ने करीमुद्दीनपुर स्थित पंकज राय के पाली हाउस में लगे 5 लाख मिर्च के पौधे का अवलोकन किया और नर्सरी की वृद्धि और विकास के बारे में बताया।इसके अतिरिक्त ऑर्गेनिक सब्जियों में किस प्रकार फफूंदनाशक और कीटनाशक के प्रयोग के बारे पंकज राय को अवगत कराया।उन्होंने पंकज राय के कार्य की काफी सराहना की।इस अवसर पर रामबचन राय क्रय विक्रय समिति मुहम्मदाबाद के अध्यक्ष कृष्णकांत शिवांश कृषक एफ पी ओ के निदेशक रामकुमार राय हरे कृष्ण तुषारकांतराय श्रीप्रकाश सिंह यशपाल सिंह धनंजय राय राजेश यादव आदि मौजूद रहे।