(दैनिक फॉर मीडिया-अजय कुमार यादव की रिपोर्ट )
बस्ती जनपद के गणेशपुर स्थित आरoसीoसीo डिग्री कालेज के परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।कालेज की छात्राओं ने भी पर्यावरण की सुरक्षा एवम बढते प्रदूषण को कम करने के लिए संकल्पित भाव एवं जोश व जज्बे के साथ अनेक छायादार पौधो का रोपण किया।पौधारोपण के अवसर पर अपने संबोधन में प्राचार्य राजकुमार पटेल ने कहा की जब से दुनिया शुरू हुई है, तभी से इंसान और क़ुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्ज़ियां और अनाज मिला। तन ढकने के लिए कपड़ा मिला। घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीज़न भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं।प्रायः सभी धर्म एवम मज़हब में पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया गया है।
भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में तो सदियों से पेड़-पौधों को पूजा जाता है। विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का प्रिय बृक्ष माना जाता है। इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं, जो पूजा-पाठ में काम आते हैं, जिनमें महुआ और सेमल आदि शामिल हैं। वराह पुराण में तो साफ साफ वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा गया है- जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, एक बड़, दस फूल वाले पौधे या बेलें, दो अनार दो नारंगी और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह नरक में नहीं जाएगा।यह हैरत और अफ़सोस की ही बात है कि जिस देश में, समाज में पेड़-पौधों को पूजने की प्रथा रही है, अब उसी देश में, उसी समाज में पेड़ कम हो रहे हैं। बदलते दौर के साथ लोगों का प्रकृति से रिश्ता टूटने लगा।
बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों को निरन्तर अंधाधुंध बेतहाशा काटा जा रहा है। नतीजतन पहले की वजाय जंगल ख़त्म हो रहे हैं। देश में वन क्षेत्रफल 19.2 फ़ीसदी है, जो बहुत ही कम है। इससे पर्यावरण के सामने संकट खड़ा हो गया है। घटते वन क्षेत्र को राष्ट्रीय लक्ष्य 33.3 फ़ीसदी के स्तर पर लाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा वृक्ष लगाने होंगे। यह ख़ुशी की बात यह भी है कि अब जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आ रही है। लोग अब पेड़-पौधों की अहमियत को समझने लगे हैं।आज हमारे कालेज की सभी छात्राऐं भी इस पुनीत कार्य में बढ़ चढ़कर शिरकत कर रही हैं।अंत में शिक्षक राजेश वर्मा ने सभी छात्राओं को शुभकामनाएं दी और कहा की हम कहने में नही वल्कि करने में विश्वास रखते है और इसी बुलंद इरादे के साथ महाविधालय परिसर के साथ सार्वजनिक स्थलों को हम सभी मिलकर हरितिमा युक्त एवम प्रदूषण मुक्त करने के लिए शुभारम्भ करेंगे।इस मौके पर शिक्षक दुर्गा शंकर शर्मा,अनुरुद्ध चौधरी सहित
सभी छात्र छात्राऐं उपस्थित रहीं।