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ईश्वर के जाप से लोभ व क्रोध कम हो जाता है :फलाहारी बाबा

भाँवरकोल- क्षेत्र के ग्राम पंचायत पलियां बुजुर्ग के गंगा तट पर स्थित हनुमान मंदिर के परिसर में चल रहे मानस प्रवचन के नौवें दिन अयोध्या से पधारे मानस मर्मज्ञ महामंडलेश्वर फलाहारी बाबा उर्फ शिवराम दास ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम की महिमा चर्चा के दौरान कहा कि कलिकाल में रामनाम एक कल्प बृक्ष है जो राम ने नही किया वह काम वर्तमान में रामनाम कर रहा है।राम ने एक राक्षसी ताड़का का वध किया जो वासना की प्रतिक थी।अधिकार में रामनाम महामंत्र का जप से कामना व वासना का शमन होता है।राम ने मारीच व सुभाहू को भगाया जो लोभ और क्रोध के प्रतीक थे।कहा कि जप से लोभ व क्रोध भी कम होता है अहिल्या का तरन-तारन जड़ता से चेतनता है भक्त प्रह्लाद ने पत्थर से भगवान को प्रकट किया तो राम ने पत्थर से परम भक्ता को प्रकट किया।राम ने एक सेतु बांध रामेश्वरम की रचना की। वर्तमान में रामनाम संसार रूपी भवसागर को पार करने के लिए एक सेतु का काम कर रहा है।राम के आचरण का अनुकरण और नाम का उच्चारण जीवन में महत्वपूर्ण हो जाये तो संसार की कोई भी शक्ति आपको पस्त और परास्त नही कर सकती। प्रतिदिन अपराह्न चलने वाले प्रवचन कार्यक्रम मे मौके अखिलेश उपाध्याय,बालक दास, रघुनाथ दास मौनी, मिथिलेश यादव,फून्नूराय,लक्ष्मण यादव,विक्रमा राम, विश्वनाथ राम आदि सैकड़ों भक्त उपस्थित थे।