मुहम्मदाबाद: भगवान शंकर द्वारा नरकासुर के वध के उपरांत कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवलोक एवं कैलाश पर्वत पर भगवान शंकर की आराधना में देवताओं ने देवलोक के साथ-साथ कैलाश पर्वत पर पुष्प वर्षा के साथ-साथ दीप प्रज्वलित कर भगवान शिव की आराधना की थी इसी उपलक्ष में प्रतिवर्ष भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी सहित लहुरी काशी गाजीपुर के सुमेश्वर नाथ धाम बैजलपुर में भी 51000 दीपों द्वारा देव दीपावली का आयोजन अत्यंत प्राचीन काल से होता चला आ रहा है
इस अवसर पर भगवान सोमेश्वर धाम को पुष्प एवं झालरो द्वारा अत्यंत भव्य रुप से सजाया गया था मोहम्मदाबाद तहसील के अलावा जनपद के एवं अन्य जन पदों के भी श्रद्धालु इस अवसर पर उपस्थित होकर श्रद्धा पूर्वक भगवान भोलेनाथ के मंदिर परिसर तथा पूरे प्रांगण में दीप प्रज्वलित करते रहे आचार्य अभिषेक तिवारी ने बताया कि हरीहर मिलन का कार्यक्रम आज ही के दिन संपन्न हुआ था।
भगवान विष्णु अर्थात हरि भगवान हर अर्थात शंकर से मिलने आज ही कैलाश आए थे इस पावन बेला में देवताओं ने दीपदान किया था इसीलिए यह परंपरा आज भी चली आ रही है हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए यह पुण्यतिथि सदैव सुखदाई रही है