जनपद में बढ़ रहे जलस्तर के बाद सोमवार से गाजीपुर में गंगा का रुख स्थिर होने की ओर बढ़ने लगा है। गंगा के जलस्तर बढ़ने से आसपास के जिलों में बाकी नदियों में भी बढ़ाव जारी है, लेकिन अब गंगा में पानी कम होने की भी उम्मीद है। गाजीपुर में कुछ इलाकों में पहुंचने के बाद हालात बिगड़ने लगे हैं। लेकिन पानी के ठहराव से उम्मीद बढ़ी है। जिलाधिकारी के.बालाजी के अनुसार प्रयागराज, नैनी में पानी कम होना शुरू हो गया है।
वाराणसी के बाद से गंगा का पानी भी स्थिर ऊंचाई पर हो गया है। उम्मीद है कि कुछ ही घंटों में कम होना शुरू हो गया। लहुरीकाशी में सोमवार शाम गंगा का जलस्तर 64.511 मीटर पर पहुंच गया था। यहां जलस्तर पिछले चार घंटे से स्थिर बना हुआ है, हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान 63.115 से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही हैं।
लगातार दस दिनों से गंगा में आई बाढ़ से सैकड़ों गांवों में हालात बिगड़ चुके हैं। दर्जनों गांवों का मुख्य सड़क और मुख्यालय से भी संपर्क कट गया है। लगातार सात दिनों से बढ़ रही गंगा सोमवार को ठहर कई। अब इसके बाद पानी का स्तर कम हो जाने की संभावना जताई जा रही है। गांवों में पानी घुसा हुआ है, हजारों एकड़ फसलें जलमग्न है। लोग घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। बाढ़ राहत शिविरों में समुचित व्यवस्था नहीं है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गोमती से भी कई गांव घिरे हुए है। इधर जिला प्रशासन भी अलर्ट है और अफसरों ने गांवों का रुख किया है। आला अधिकारियों ने भ्रमण कर बाढ़ का जायजा लिया तथा मातहतों को राहत कार्य के आवश्यक निर्देश दिए। अब आधा सेमी प्रति घंटा गंगा में घटोत्तरी दर्ज की गई है।