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कर्मवीर सत्यदेव सिंह ने गाँधी के विचारों को किया आत्मसात

गाजीपुर: सत्यदेव ग्रुप आफ काॅलेजेज गाजीपुर के तत्वाधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती एवं कर्मवीर सत्यदेव सिंह जी की द्वितीय पुण्य तिथि के अवसर पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सत्यदेव ग्रुप आफ काॅलेजेज के परिसर मे आयोजित किया गया। जिसका मुख्य शीर्षक ’’राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवन और दर्शन’’ था।

 

इस कार्यक्रम का उद्घाटन एवं द्वीप प्रज्ज्वलन मुख्य अतिथि डाॅ0 कमलाकर सिंह, प्रवेश एवं शुल्क विनियामक आयोग म0प्र0 भोपाल ने किया एवं कर्मवीर सत्यदेव सिंह की स्मृति में रचित पुस्तक ’’राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवन और दर्शन’’ का विमोचन किया गया तथा संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि आज हमारा समाज तेजी से हिंसा की ओर बढ़ रहा है इस हिंसा को रोकने के लिए उन्होने महात्मा गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता को महत्व दिया।

उन्होने कहा कि, आज महात्मा गांधी जी के सत्य और अहिंसा के विचारों के बिना दुनिया को सुरक्षित बचानें की कल्पना नही की जा सकती। कर्मवीर सत्यदेव सिंह ने भी महात्मा गांधी जी के विचारों से प्रेरित होकर समाज मे शिक्षा की अलख जगायी। गांधी जी के जीवन-दर्शन पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि, गांधी जी समावेशी भारतीयता के प्रतिनिधित्व स्वरुप है। 20वीं सदी में भारत को महान बनाने में गांधी जी की भूमिका प्रमुख रही है। मनुष्यता को बचाने के लिए दुनिया में महात्मा गांधी ही सबसे बड़े विकल्प रहे है।


कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो0 राधाबल्लभ त्रिपाठी अध्यक्ष कर्नाटक प्राच्य विद्या शोध संस्थान, पुणे ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि, आज भारत का लोकतंत्र महात्मा गांधी जी के विचारों पर ही जीवित है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डाॅ0 योगेश दूबें उपाध्यक्ष, दिव्यांग कल्याण न्यास, भारत ने कहा कि, आज भारत की विविधता जिस महान बिंदु पर आकर एकता मे बदल जाती है उस पावन बिंदु का नाम है महात्मा गांधी। उन्होंने कर्मवीर सत्यदेव सिह जी को एक प्रमुख समाज सेवक बताया जिन्होने गाॅव देहात, तथा पिछड़े इलाके मे रहकर भी समाज की सेवा की ।

सत्यदेव ग्रुप आफ काॅलेजेज के संरक्षक योगी आनन्द ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि, महात्मा गांधी गीता में वर्णित अनाशक्ति के सबसे बड़े उदाहरण है। उन्होंने कर्मवीर सत्यदेव सिंह जी के जीवन से प्रभावित होकर इन्हें ज्योति पुरुष बताया जो जीवन भर निष्काम भाव से समाज की सेवा करते रहे। डाॅ0 हरिकेश सिंह कुलपति, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी भारत की परम्परा और आधुनिकता के संगम है। जहाँ भारत की सारी साधना एवं समस्त तेज आकार लेता है। उन्होंने कर्मवीर सत्यदेव सिंह के पैतृक गाँव सागापाली की धरती को तपस्थली कहा। उन्होंने उनके विचारों से प्रेरित होकर कहा कि तमसा से गंगा तक की उनकी जीवन-यात्रा हमारे लिए बहुत ही प्रेरक है।

डाॅ0 योगेन्द्र सिंह कुलपति, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया ने कर्मवीर सत्यदेव सिंह को जननायक चन्द्रशेखर के राजनीतिक सहयोगी कहा। जिन्होंने महात्मा गांधी के जीवन और आदर्शों को यथार्थ के रुप में गाजीपुर की धरती पर उतारा। आज डाॅ0 सानन्द सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र मे पूरे पूर्वांचल में एक अलख जगाये हुए है जो हमारे समाज को एक दशा एवं दिशा दे रहा है। प्रो0 रुपकिशोर शास्त्री कुलपति, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने गांधी जी के सत्य और अहिंसा की महत्ता को पूरे विश्व के लिए आवश्यक बताया। उन्होने कहा कि महात्मा गांधी ने अपनी जीवन साधना को सत्य और अहिंसा का हिस्सा बनाया। उनकी साधना मे हर देशवासी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

प्रो0 सत्यकेतु सांकृत डीन, डाॅ0 अम्बेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली ने संगोष्ठी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, महात्मा गांधी ने भारत की जनता को नींद से जगाने का काम किया है। उन्होंने सविनय अवज्ञा आन्दोलन को आम आदमी की आजादी की लड़ाई से जोड़कर देखा। प्रो0 रुपकिशोर पाण्डेय कुलपति, लालबहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने अपने विचार अभिव्यक्ति के माध्यम से कहा कि, महात्मा गांधी जी के रास्ते पर चलकर ही आज देश को अखण्ड रखा जा सकता है। देश की अखण्डता एवं विश्व का कल्याण उनके चिंतन के अनुसरण मे छिपा हुआ है। डाॅ0 सानन्द सिंह उसी काम को आगे बढ़ा रहे है। उन्होंने पर्यावरण की चेतना एवं समाज को इसके प्रति जागरुक करने के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक 7000किलोमीटर साईकिल या़ात्रा को मूर्तरुप दिया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता योगी आनन्द ने की।कार्यक्रम के अंत में गरीब असहाय महिलाओं एवम पुरूषों को कम्बल वितरण भी किया गया।इस कार्यक्रम में कार्यक्रम की संरक्षक सत्यदेव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेज की मैनेजिंग ट्रस्टी सावित्री सिंह, सत्यदेव इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी की निदेशक डॉक्टर प्रीति सिंह तथा डॉ सुमन सिंह की भी उपस्थिति रही।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सत्यदेव डिग्री कालेज के प्राचार्य डाॅ सुनील कुमार सिंह, निदेशक अमित कुमार रघुवंशी, सलाहकार दिग्विजय उपाध्याय, सत्यदेव इन्स्टीच्यूट आॅफ टेक्नालाजी के प्रधानाचार्य ई0 अजित कुमार यादव, सत्यदेव कालेज आॅफ फार्मेसी के प्राचार्य डाॅ0 तेज प्रताप यादव, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया डिग्री कालेज के प्राचार्य डाॅ0 धीरेन्द्र मिश्रा, सत्यदेव प्रा0आई0टी0आई0 के प्रधानाचार्य सुनील यादव,

डाॅ0 कृपाशंकर सिंह, डाॅ0 संजीव कुमार वर्मा, छत्रसाल सिंह, स्मिता सहाय, नेहा पाण्डेय, स्वाति सिंह, रिमझिम श्रीवास्तव, गुलशन अब्बास, कृष्ण कुमार तिवारी, विजय प्रताप सिंह एवं समस्त शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का सराहनीय सहयोग रहा।इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह.पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा.फादर फेलिक्स राज प्रधानाचार्य हार्टमन इण्टर कालेज हार्टमन इण्टर कालेज हार्टमन पुर.हैदर अली खान टाईगर.पूर्व एम एल सी विजय यादव.राजेश्वर सिंह.सुनील सिंह.अशोक सिंह पप्पू. कृष्णा नन्द राय.रामधारी यादव पूर्व चेयरमैन. संजय सिंह.विरेन्द्र राय भाजपा नेता.राजकुमार पाण्डेय पुजारी कष्टहरणी धाम करीमुद्दीनपुर. बासुदेव पाण्डेय.सुरेन्द्र यादव सदस्य जिला पंचायत. राजेन्द्र यादव. शुभनरायण यादव. जनार्दन राय. कृष्णा यादव.सुनील राय.धर्मेन्द्र यादव.अजय यादव परिवर्तन. विवेक सिंह सौरभ. समेत हजारो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।इस संगोष्ठी का संचालन हरिनारायण ‘हरिश जी‘ एवं श्याम कुमार ने किया।

धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 आनन्द कुमार सिंह एवं डाॅ0 सानन्द कुमार सिंह ने किया।

दैनिक फॉर मिडिया-रिपोर्ट अजय कुमार यादव)