गाज़ीपुर न्यूज़

नेत्रहीन का सामाजिक कार्यकर्ता श्रमदान से बनाएंगे आवास

जन्मजात नेत्रहीन प्रदीप के पिता बचपन में ही दिवंगत हो गए तथा मां 2007 में। कच्चा मिट्टी और खपरैल का पुश्तैनी मकान धराशाई हो गया है।प्रदीप खुले आसमान में रहने को बाध्य हैं।2013 से लेकर अब तक ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी, खंड विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व डीएम के अलावा वे सीएम योगी के दरबार में लखनऊ भी गुहार लगा चुके हैं किंतु नहीं बना सरकारी आवास।
प्रदीप की सूचना पर समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रज भूषण दुबे अपने सहयोगियों के साथ सोमवार को प्रदीप के गांव जलालाबाद, क्षेत्र जखनिया पहुंचे और उन्होंने उन दर्जनों पत्रों का अवलोकन किया जो ब्लॉक स्तर से लेकर जिला और प्रदेश के मुख्यमंत्री को पंजीकृत और मिलकर दिए गए थे।
प्रदीप कश्यप पुत्र खुरमुल्ली का जन्म 1985 में हुआ था। जन्म से ही उनके दोनों आंखों की रोशनी गायब थी।सीएमओ द्वारा जारी प्रमाण पत्र में भी उन्हें 100% दृष्टिहीन दिखाया गया है। जखनियां विधानसभा की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत जलालाबाद में वह खुले आसमान के नीचे रहते हैं।

बिना कमीशन के नहीं मिलता आवास-
संगठन के अध्यक्ष ब्रज भूषण दुबे ने बताया पूर्ववर्ती सरकारों में जिस प्रकार की रिश्वतखोरी आवास और अन्य लाभकारी योजनाओं में प्रचलित थी, इस सरकार में भी वह भली प्रकार फल फूल रही है। आवास में न्यूनतम 20000 कमीशन देने पर ही लाभार्थी को प्राप्त कराया जाएगा।
ऐसे में यदि 1 माह के अंदर प्रदीप का आवास निर्माण नहीं कराया जाता तो हम श्रमदान तथा जन सहयोग से नेत्रहीन प्रदीप के लिए एक सुंदर आवास बनाकर उन्हें सुपुर्द करेंगे।
उक्त अवसर पर समग्र विकास इंडिया के व्याख्याता गुल्लू सिंह यादव, यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष शोभनाथ यादव, बृजेश कुमार पांडे, शिवचरण यादव, अनिल यादव, राजू यादव,एवं हनुमान बिंन्द उपस्थित थे।