( खान अहमद जावेद द्वारा) उत्तर प्रदेश जनपद गाजीपुर /प्रयागराज!!
पूरे भारत में लॉक डाउन के बाद तमाम मस्जिदों से माइक के जरिए अजान होती रही lलोग घर में नमाज पढ़ते रहे lलेकिन एकाएक जब रमजान शुरू हुआ जनपद गाजीपुर ,फर्रुखाबाद और हाथरस के जिलाधिकारी द्वारा मौखिक आदेश देकर के पुलिस बल द्वारा अजान पर प्रतिबंध लगा दिया गया जो पूर्ण रूप से भारत के संविधान के मौलिक अधिकार का हनन था !
जब दिल्ली में मौजूद संसदीय क्षेत्र गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को इस बात का इल्म हुआ जिलाधिकारी से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों तक बात करने के बाद जब बात नहीं बनी तो उन्होंने 26 अप्रैल 2020 को जिलाधिकारी और और मुख्य न्यायाधीश प्रयागराज हाईकोर्ट को इस समस्या की तरफ अवगत कराते हुए जनहित याचिका प्रस्तुत कियाl इस संबंध में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने भी पत्र के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद को मौलिक अधिकार अजान के संबंध में पत्र प्रस्तुत क्या lआखिर सैयद मोहम्मद फजल वरिष्ठ अधिवक्ता ने जनहित याचिका नंबर 570 / 2020 प्रस्तुत किया !
5 मई को बहस हो जाने के बाद आदेश सुरक्षित हो गया lआखिर आदरणीय कोर्ट शशिकांत गुप्ता और आदरणीय अजीत कुमार की बेंच ने 10 दिन बाद 27 पन्नों की निर्णय के साथ जो मलिक अधिकार हनन हो रहा था से समाप्त कियाl जनपद गाजीपुर , फर्रुखाबाद और हाथरस की मस्जिदों में अज़ान पर रोक के मामले में प्रयागराज हाईकोर्ट ने दिनांक 15 मई 2020 के अपने फैसले में इन जिलाधिकारी के आदेश को रद्द कर दिया है।
वहीं हाईकोर्ट ने मस्जिदों को अज़ान की अनुमति भी दे दी है। इस दौरान अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिदों में अज़ान से कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होता है। उन्होंने बताया कि अज़ान को धार्मिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से भी जोड़ा गया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सिर्फ उन्ही मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो सकता है, जिन्होंने इसकी लिखित अनुमति ले रखी हो।
जिन मस्जिदों के पास अनुमति नहीं है, वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए आवेदन कर सकते हैं, लाउडस्पीकर की अनुमति वाली मस्जिदों में भी ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना होगा। बीएसपी सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी। इस निर्णय पर उन्हें कहा है कि हमें हमेशा अपने संविधान और कोर्ट पर भरोसा रहता है मैं संविधान का पूर्ण रूप से पालन करता हूं मुझे बहुत सारे लोगों ने बहुत कुछ कहा लेकिन मैं ने हालात के तहत कोर्ट का सहारा लियाll