गाजीपुर, 31 अगस्त 2020 ।
दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादे हों तो व्यक्ति नामुमकिन को भी मुमकिन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। इसका ताजा उदाहरण हैं डॉ प्रगति कुमार। यहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीएमओ सहित 10 लोग कोविड पॉजिटिव होने के बावजूद प्रभारी सीएमओ डॉ प्रगति कुमार ने जिले के स्वास्थ्य विभाग का कार्य प्रभावित होने नहीं दिया है।
प्रभारी सीएमओ डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी,अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और कोरोना पोर्टल को ऑपरेट करने वाले डाटा ऑपरेटर सहित करीब 10 लोग कोरोना उपचाराधीन हो चुके हैं। जिसके वजह से सीएमओ कार्यालय हॉटस्पॉट बन गया है। एक एक कर सभी अधिकारी के पॉजिटिव होने से बड़ी समस्या आ गई थी।जिसके बाद जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग से डाटा ऑपरेटर विभाग को मिले।और उनके साथ मिलकर और डॉ उमेश कुमार जो मौजूदा समय में कोरोना उपचाराधीन हैं और फोन के द्वारा उनके मार्गदर्शन ने कार्य को प्रभावित होने के बजाय गति देकर निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।
डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा मिले 6 आपरेटर जो कोरोना पोर्टल को ऑपरेट करने में प्रशिक्षित नहीं थे। जिसके वजह से शुरू में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिसके वजह से 2 दिन कोरोना से संबंधित डाटा ऑपरेटिंग का कार्य बेसिक शिक्षा कार्यालय से ही किया गया। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में प्रतिदिन 1500 से 2000 लोगों की सैंपलिंग का कार्य किया जा रहा है जिसमें से 60 से 70 पॉजिटिव मरीज प्रतिदिन मिल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि एंटीजन किट नहीं होने की वजह से जांच प्रक्रिया में थोड़ा धीमा हुआ है। लेकिन शासन से इसके लिए डिमांड किया गया है और जल्द ही मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में पूरे जनपद में कोरोना की वजह से मानव संपदा की अधिक जरूरत है। लेकिन कोरोना उपचारधीन हो जाने की वजह से मैन पावर कम हुआ है। शेष बचे हुए कर्मचारियों के बुलंद हौसले की बदौलत आज भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभी कार्य निर्बाध गति से चल रहे हैं।चाहे वह ऑफिस के कार्य हो या फिर सामानों की आपूर्ति। इस दौरान उन्होंने बताया की अधिकारियों के उपचाराधीन होने के बाद कर्मचारियों में इस माह वेतन लेट होने की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन हमारा पूरा कोशिश है कि सभी कर्मचारियों को पूर्व की भांति समय से वेतन मिले ताकि उनका हौसला बना रहे।