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शहीदो के गाँव शेरपुर में मना शहीद दिवस

शेरपुर/मुहम्मदाबाद: महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ों के आहृान पर जनपद के शेरपुर गांव से एक ऐसी चिंगारी निकली जो देश में राज कर रहे फिरंगियों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। बात हो रही है आज के 75 वर्ष पूर्व 18 अगस्त 1942 की। जब शेरपुर से मुहम्मदाबाद तहसील पर झंडा फहराने के लिए नौजवानों की टोली महात्मा गांधी के आहृान पर अंहिसात्मक आंदोलन करते हुए तहसील पर पहुंची थी,

तब वहां के तत्कालीन तहसीलदार व ब्रितानिया हुकूमत के सिपाहियों ने उन निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया था। जिसमें एक ही गांव के आठ लोग शहीद हो गये थे और अन्य कई लोगों को भी गोली लगी थी। आज उस क्रांति का वर्षगाँठ शेरपुर खुर्द शहीद स्तम्भ पर मनाया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ सत्यम हास्पिटल मऊ के प्रबंधक निदेशक डॉ0 सत्यानन्द राय ने झंडारोहण कर किया।उन्होंने ने शहीद स्तम्भ पर माल्यापर्ण करने के बाद श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शेरपुर की शहादत बेमिसाल है। ऐसा उदाहरण विश्व में नहीं मिलेगा, जहां एक ही गांव शेरपुर के आठ नवजवानों ने देश को आजाद कराने के लिए एक साथ शहादत दी। शहीदों ने अपनी कुर्बानी देकर देश को आजाद कराया। आज हम सभी लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि वर्ग, संप्रदाय, जाति एवं क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर शहीदों के सपनों का देश बनाने के लिए मिलकर प्रयास करें। यही शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।आगे कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान आजादी की लड़ाई में अपनी जान न्यौछावर करने वाले अमर शहीद हमारे अमूल्य धरोहर हैं।श्रद्धांजलि सभा में जयानन्द राय,रमेश राय, विजयशंकर उपाध्याय,हेमनाथ राय,गोविन्द शर्मा,राज रतन राय, रतन,अनिल यादव, नीरज राय,नित्यानन्द मिश्रा,दयाशंकर राय, बैजनाथ राय, लल्लन यादव आदि लोगो ने श्रद्धांजलि अर्पित किया।अध्यक्षता श्रीपति भारती ने किया।अंत में रामबली राय ने आभार प्रकट किया।कार्यक्रम का संचालन शिक्षक दयाशंकर राय ने किया।