गाजीपुर/मुहम्मदाबाद: ब्लाक बाराचवर स्थित शिव मंदिर पर चल रहे श्री राम कथा अयोध्या से पधारे श्री 1008 शिवरामदास महाराज उपाख्य फलाहारी बाबा ने बताया कि गीता योग प्रधान, श्रीमद्भागवत वियोग प्रधान है तो, रामायण प्रयोग प्रधान ग्रंथ है। रामायण भक्ति प्रधान भी ग्रंथ है। यदि जीवन हृदय प्रधान होता है तो, विश्वास महत्वपूर्ण होता है,और बुद्धि प्रधान होता है तो विवेक महत्वपूर्ण होता है ।
किसी भी विचार के पहले विवेक का प्रयोग अवश्य करना चाहिए ।विचार भावना और क्रिया के योग को ही चरित्र कहते हैं। जैसा विचार होगा वैसा ही भाव होगा और जैसा भाव होगा वैसी ही क्रिया होगी तीनों के परिणाम को ही चरित्र कहा जाता है।ग्रंथों के ज्ञानाभाव में चरित्र कमजोर होते जा रहा है ।संस्कार रहित शिक्षा समाज के बारे में नहीं सोचती है और ना ही स्वयं को सुकून और शांति देती है। संस्कार के अभाव में आज माता-पिता गुरुजन का तिरस्कार और परिष्कार हो रहा है जो माता-पिता का आशीर्वाद प्राप्त नहीं करता है उसकी पूजा भगवान भी स्वीकार नहीं करता है। समस्त तीर्थों का निवास मां के चरणों में और समस्त देवताओं का वास पिता के हृदय में होता है ।माता पिता की सेवा समस्त देवताओं की सेवा है आज हमारे भारत जैसे देव भूमि पर भी वृद्धाश्रम की बाढ़ आ गई है यह संस्कार रहित शिक्षा का ही देन है। भारतीय संस्कृति सभ्यता सनातन धर्म का पहला पाठ मातृ देवो भव! पितृ देवो भव! है जो आधुनिक शिक्षा के सिलेबस में दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं देता है ।राम कथा राम की कथा नहीं त्रेता की कथा नहीं बल्कि रिश्तो की महान गाथा है। पिता- पुत्र ,भाई- भाई ,पति और पत्नी के धर्म कर्तव्य और व्यवहार को रामकथा सिखाती है ।चाहे कोई भी व्यक्ति हो रामकथा को जीवन में आत्मसात किए बगैर सुकून और शांति नहीं पा सकता। अहंकार का जीवन सुकून और शांति से दूर ले जाता है तथा समर्पण, अर्पण और तर्पण का जीवन स्वयं को ही नहीं बल्कि पितरों को भी सुकून और शांति देता है। यज्ञ करने का उद्देश्य धर्म का जागरण अनेकता में एकता और संस्कार का निरूपण होता है। यज्ञ समिति के अध्यक्ष श्री बृजेंद्र सिंह (बाराचावर ब्लाक प्रमुख) ने बताया कि श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का भव्य कलश यात्रा 9-10 -2022 तथा पूर्णाहुति एवं विराट भंडारा 15 -10-2022 को होना निश्चित हुआ है जिसमें विद्वानों के द्वारा कथा सत्संग वृंदावन के कलाकारों के द्वारा रामलीला और रासलीला का मंचन होगा। नित्य सायं काल 6:30 से 8:30 तक श्री फलाहारी बाबा के मुखारविंद से श्री राम कथा की वर्षा हो रही है।