दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के खालिसपुर गांव निवासी विमला उर्फ विभा देवी (34) पत्नी ओम प्रकाश यादव को 18 फरवरी की शाम प्रसव पीड़ा हुई। परिवार के लोग उसे सीएचसी जखनिया लेकर आए। ससुर रामधार यादव ने बताया कि सीएचसी पर मौजूद एएनएम प्रमिला देवी और शशि सिंह ने दवा देने के साथ पानी चढ़ाना शुरू कर दिया।
रात करीब एक बजे बिना परिजनों को सूचना दिए ही दोनों एएनएम ने विमला देवी को पास के एक प्राइवेट अस्पताल में भेज दिया। कुछ देर बाद पता चलने पर जब परिवार के लोग निजी अस्पताल पर पहुंचे तो संचालक और एक डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की बात कही। रात में ऑपरेशन किया गया। सुबह पांच बजे नवजात की हालत गंभीर बताकर परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों उसे मऊ के निजी अस्पताल ले गए।
सुबह 10 बजे वहां डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इधर निजी अस्पताल में भर्ती प्रसूता विमला ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद निजी अस्पताल के चिकित्सक ने कहा कि महिला की हालत नाजुक है, उसे मऊ अस्पताल ले जा रहे हैं। अस्पताल के लोग प्रसूता को एंबुलेंस में लेकर जखनिया से रवाना हो गए।
इधर एक घंटे बाद परिजनों को सूचना मिली कि प्रसूता की मौत हो चुकी है। घटना की जानकारी होते ही थाने के आसपास ग्रामीणों और परिजनों की भीड़ बढ़ने लगी। शाम तीन बजे तक परिजन प्रसूता का शव आने इंतजार करते रहे। इधर अस्पताल कर्मियों ने भुड़कुड़ा कोतवाली के पीछे एंबुलेंस में शव छोड़कर फरार हो गए।
शाम चार बजे आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने भुड़कुड़ा कोतवाली के ठीक सामने मनिहारी-जखनिया मार्ग को जाम कर दिया। कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने समझा-बुझाकर आधे घंटे बाद जाम तो समाप्त करा दिया, लेकिन देर शाम तक प्रसूता और नवजात के शव को कब्जे में लेने से टालमटोल कर रही थी।
इधर, समाचार लिखे जाने तक कोई कार्रवाई न होने से परिजन और ग्रामीण कोतवाली में डटे हुए थे। इस संबंध में भुड़कुड़ा सीओ रविंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की छानबीन करने के साथ ही परिजनों और ग्रामीणों से बातचीत की जा रही है। इस घटना में जो लोग भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।