रिपोर्ट- अजय कुमार यादव
भांवरकोल : द्वापरयुग से चली आ रही काशीनाथ बाबा की पूजा विधि-विधान से रविवार को भांवरकोल क्षेत्र के शेरपुर खुर्द में संपन्न हुई। पंथी बेचन महाराज ने गांव की खुशहाली के लिए पूजा को संपन्न कराया।
मान्यता है कि कृष्णा अवतार में गोकुल में देवताओं के राजा इंद्र को प्रसन्न करने के लिए एक विशेष पूजा नगरवासियों द्वारा की जाती थी। इसका कृष्ण ने विरोध कर बंद करा दिया। इसके उपरांत उन्होंने वनसती की पूजा प्रारंभ की जो कालांतर में काशीनाथ बाबा के नाम से पूजा आज तक चली आ रही है। वन सती के पुजारी ही इस पूजा को कराते हैं, जिन्हें पंथी कहते हैं। यह पूजा वर्षा, पशु के निरोग, लोक कल्याण एवं सामाजिक समरसता हेतु की जाती है। सभी जय श्रीकृष्ण एवं वन सती का जयकारा लगा रहे थे।
इसके पूर्व शुरुआत बेचन पंथी ने अग्निदेव का आह्वान करके अग्नि प्रज्वलन् करने के साथ हुआ। फिर पंथी महाराज ने श्रद्धालुओं के शरीर पर जलते हुए खप्पर को रखकर आशीर्वाद दिया। इसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी थी।कार्यक्रम के आयोजक यजमान बद्री राय ने उपस्थित लोगों से बाबा काशी दास के बारे में चर्चा करते हुए उनके मार्ग पर चलने के लिए सभी से अपील किया तथा सभी के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर चेतक प्रतियोगिता हुई जिसमें माडूपुर के चिंटू का घोड़ा प्रथम व कबीरपुर के दिनेश यादव का घोड़ा दूतीय और तृतीय स्थान शेरपुर खुर्द के पंकज राय के घोड़ा को प्राप्त हुआ। विजेता घोड़ा मालिको को साफा बाधकर व नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर ग्राम प्रधान जयानंद राय मोनू , पूर्व प्रधान लल्लन राय,विधासागर गिरी
आनंद राय पहलवान ,सिंटू राय, बबुआ राय, नीरज राय, बरमेश्वर राय आदि लोग मौजूद रहे।