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नौ दिवसीय मानस कथा समापन के साथ हुआ विशाल भंडारा

गाजीपुर जनपद के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के विश्वंभरपुर गांव में रामाश्रय राय ने गांधी जी के दरवाजे पर नौ दिवसीय मानस कथा का समापन किया गया। विन्ध्याचल से आए मानस वेत्ता अमर मणि त्रिपाठी, श्रामायणी द्वारा अपने मुखार बिंद से नौ दिन तक राम कथा रूपी मानस मंदाकिनी प्रवाहित की गई।

राम कथा के अन्तिम दिवस पर रामायणी जी ने राम चरित मानस पर प्रकाश डाला। कहा कि यह एक ऐसा ग्रन्थ है जिसकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। आध्यात्म मार्गी, ज्ञानमार्गी और भौतिकवादी सभी प्रकार के मनुष्य इससे शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।

मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के गुणों का अनुसरण करके कोई भी मनुष्य अपना इहलोक तथा परलोक संवार सकता है। इसी क्रम में भगवान शिव के चरित्र का वर्णन किया। उपस्थित राम कथा के श्रोताओं से कहा की पूरे ब्रह्मांड में भगवान शिव ही एकमात्र एसे थे जो अपने विवाह के लिए जाते समय भी काम की बजाय नंदी के रूप में धर्म के रथ पर सवार थे।

माता पार्वती को श्रद्धा का रूप बताते हुए कहा कि राजा हिमांचल के घर में उनका जन्म श्रद्धा को अचल रूप में स्थापित करने के लिए ही हुआ था। कथा विराम के पश्चात विधिवत हवन पूजन करके पूर्णाहुति की गई। तत्पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया।

कथा को सफल बनाने में जर्नादन राय, ओंकार नाथ राय, अभिषेक राय, राजेश राय, सिद्धार्थ राय, गौरव राय, संजय राय, हिमांशु राय सहित समस्त ग्रामवासियों का सहयोग सराहनीय रहा।@विकास राय