मुहम्मदाबाद:क्षेत्र के सुरतापुर में चल रहे नौ दिवसीय रूद्र महायज्ञ के चौथे दिन गुरूवार को काशी से पधारे अशोकानन्द महाराज ने
कहा कि जीवन में संशयग्रस्त व्यक्ति को हमेशा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह विश्वास में कमी लाने के साथ बेचैनी बढ़ाता है। श्रीरामकथा संशय, भ्रम व अति मोह से मुक्ति दिलाता है। आमतौर पर संदेह, मोह व भ्रम तीनों ही एक ही प्रकार के शब्द प्रतीत होते हैं। लेकिन इसमें सूक्ष्म भेद है। जिसका कारण अज्ञानता है। जो कई गलतियों को जन्म देता है।
जरूरत है समाज में ज्ञान के प्रकाश को फैलाकर राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने की। वही भागवत कथा कह रही साध्वी भावना कृष्णमूर्ति प्रिया जी ने कही की जड़ भरत के वंश का वर्णन, अजामिल नारदजी को दक्ष श्राप, अजामिल की उपासना, ब्रह्माजी द्वारा हिरण्यकश्यप की तपस्या के बाद वरदान, प्रहलाद जन्म, राजा बलि और वामन अवतार, वत्रासुर की उत्पत्ति, भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार के साथ ही हिरण्यकश्यप के वध की कथा विस्तारपूर्वक श्रद्धालुओं को सुनाई।
इस मौके पर विचित्रानन्द महाराज,सुखराम यादव,नंदू यादव,प्रहलाद पांडेय,लाल बहादुर यादव,छट्टू यादव,मंजेश पांडेय ,पतिराम यादव,परमेश्वर यादव,राहुल यादव,बृजकिशोर यादव, रणविजयनाथ ,रामविजय शर्मा,दिनेश शर्मा,मुकेश भास्कर सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे