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भागवत कथा में कृष्ण की बाल लीला पूतना वध का वर्णन

मुहम्मदाबाद: क्षेत्र के सुरतापुर गाँव मे चल रहे नौ दिवसीय महा रुद्र यज्ञ में श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन रविवार को कथा व्यास साध्वी भावना कृष्णमूर्ति प्रिया जी ने अपनी मधुर वाणी से कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा की भगवान कृष्ण ने सबसे पहले पूतना का उद्धार किया था। कृष्ण जन्म पर नंदबाबा के घर खुशी मे जब उत्सव मनाया जाने लगा और नंद बाबा को कंस राजा के पास कर देने जाने मे देरी हो गई। उन्होंने राजा के पास पहुंच कर निवेदन किया की महाराज मेरे घर पुत्र ने जन्म लिया है इस लिए आने मे देरी हो गई। राजा कंस ने पुत्र जन्म की खबर पर पुत्र को चिरंजीव होने का वचन बोला। उसे पता नहीं था जिसे तू चिरंजीव बोल रहा है वो ही तेरा काल है। उधर भगवान मन ही मन मुस्करा रहे है और सोच रहे है की राम जन्म मे ताड़का कृष्ण जन्म मे पूतना से पाला पड़ा है। माता यशोदा का दुलारा अपनी बाल लीलाओं से आनन्द विभोर होते है। और अपनी लीलाओं के माध्यम से ही पूतना का वध करते है। इस अवसर पर
विचित्रानन्द महाराज,सुखराम यादव,भरतदास महाराज, परमेश्वर यादव,पतिराम यादव,रणविजय सिंह,बृजकिशोर यादव,रामविजय शर्मा,मुकेश भास्कर,लालबहादुर यादव,रोशन यादव,राहुल यादव सहित काफी संख्या मे लोग मौजूद थे।