कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी एसटीफ ने एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। दुबे कल ही उज्जैन में गिरफ्तार हुआ था। एसटीएफ की टीम उसे रिमांड पर यूपी लेकर आ रही थी। तभी बीच रास्ते में एसटीएफ टीम की गाड़ी पलट गई है। जो गाड़ी पलटी, उसी में विकास दुबे सवार था। इसके बाद उसने पुलिस का हथियार छानकर भागने की कोशिश की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसके बाद हुए एनकाउंटर में विकास दुबे मारा गया।
उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे और उसके बेटे पर भी शिकंजा कस दिया है। पुलिस ने ऋचा, विकास के बेटे और उसके नौकर को लखनऊ के कृष्णानगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले विकास को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसे महाकाल थाना, पुलिस कंट्रोल रूम, नरवर थाना और फिर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर लेकर गई। विकास के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जल्द बड़ी कार्रवाई कर सकता है। ईडी विकास के खिलाफ एफआईआर के आधार पर उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर सकता है।
पता चला है कि उसने महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए शुभम नाम से वीआईपी पर्ची कटाई थी। सूत्रों ने यह भी बताया कि गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान उसने कबूला कि वह बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद सभी शवों को जला देना चाहता था। यह भी बताया कि उसे रेड की जानकारी एक दिन पहले ही मिल गई थी। यही नहीं, उसने दावा किया कि कई थानों में उसके मददगार हैं। उसने खुलासा किया कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा से उसकी बनती नहीं थी। उसने कहा कि सीओ ने मेरे साथियों को मारा था, इसलिए उन्हें मारा।
उज्जैन पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को सबसे पहले महाकाल मंदिर के पास फूल की दुकान लगाने वाले राजेश माली ने पहचाना था। बता दें कि विकास दुबे को गुरुवार सुबह 9 बजे उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के वक्त वह चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला।
हालांकि, उसकी कानपुर से इतनी दूर दूसरे राज्य में अचानक हुई गिरफ्तारी पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने विकास दुबे के मामले पर यूपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मामले की सीबीआई से जांच कराने को कहा है। विकास के खिलाफ 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन उसे अब तक एक में भी सजा नहीं हुई है।