गाज़ीपुर, 07 अगस्त 2020
कोरोना के उपचार में जुटे स्वास्थ्यकर्मी यदि स्वयं कोरोना पॉज़िटिव हो गए हैं और यदि उनके साथ किसी प्रकार की कोई दुर्घटना घट जाती है तो उस परिस्थिति में शासन द्वारा उनके आश्रितों को क्षतिपूर्ति के 50 लाख रुपये दिये जाएंगे। यह सुविधा न केवल चिकित्साकों को मिलेगी बल्कि नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस चालकों, ईएमटी समेत अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों को भी प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोरोना की लड़ाई में जुटे सभी स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए इस योजना को लागू किया गया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की सचिव वी हिकाली झिमोमी ने इस संबंध में संबंधित सभी अधिकारियों को आदेशित पत्र जारी किया है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकारी अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत या चिकित्साकर्मी जो कोरोना के रोकथाम व चिकित्सा कार्य से जुड़े हैं, उन्हें विशेष बीमा योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस दौरान योजना के मुताबिक यदि कोई स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित होकर किसी भी दुर्घटना का शिकार होता है तो उसे 50 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी। बीमा योजना के लाभ के लिए दावा प्रपत्र देना होगा। उन्होने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम, उपचार एवं उससे बचाव में जुटे स्वास्थ्य कर्मचारियों में कोरोना के होने की आशंका बनी रहती है जिससे उनमें संक्रमण का खतरा भी हो सकता है। ऐसे में सरकार की इस व्यवस्था से कर्मचारियों का मनोबल जरूर बढ़ेगा। योजना से संबन्धित प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मचारी को प्रचार-प्रसार के निर्देश भी दिए जा चुके हैं।
एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया कि क्षतिपूर्ति योजना का लाभ सभी स्वास्थ्यकर्मियों नियमित व संविदागत, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कर्मियों, यूनिसेफ से जुड़े कर्मचारी, यूपीटीएसयू के सलाहकार व कर्मचारी को मिलेगा।