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संभावनाएँ कला प्रदर्शनी में कलाकारों ने उकेरी मानवीय संवेदनाएं

गाजीपुर: सम्भावना कला मंच द्वारा आयोजित कला प्रदर्शनी सम्भावनाएँ-2020 में प्रदर्शित कलाकृतियों  को प्रस्तुत किया। भारत के जाने माने मूर्तिकार सचिनद्रनाथ झा की कलाकृति , साथ ही गरीब वंचित वर्ग के बच्चों के संघर्षों को चित्रित करने वाले युवा कलाकार सिंह रंजीत की कलाकृति , मुम्बई के चर्चित समकालीन कलाकार ‘प्रकाश गाडे’ की कलाकृति जो पेन और इंक से एक अद्भुत संसार रचते हैं, वही शिवचन्द्र आहुजा की भी मूर्तिशिल्प  सामने प्रस्तुत किया गया।

चित्र के सन्दर्भ में एक छोटी समीक्षा भी है जिससे चित्रों के अर्थ को खोलने के साथ कलाकार के जीवन, कार्यशैली पर भी प्रकाश पड़ सके ।सचिन्द्र नाथ झा एक चर्चित मूर्तिकार है | रंगीन चित्रकारी से सुसज्जित उनकी मूर्तियां सहज ही दर्शकों का मन मोह लेती है | चित्ताकर्षक रंग व खूबसुरत डिजाइन, आकर्षक मूर्तियों को और भी प्यारी बना देती हैं | विशुद्ध सौन्दर्यानुभूति उनके कलाकृतियों का प्रमुख गुण है | विपदाकाल में विशुद्ध सौन्दर्य की कल्पना जरा कठिन जरुर है लेकिन असंभव नहीं है | पहली नजर में सचिन्द्र नाथ झा की मनोहरी कलाकृतियाँ जीवन के विभिन्न रंग समेटे हुए है | ऐसे जटिल समय में जहाँ जीवन के सभी क्षेत्र पेचीदा होते गये हैं, ऐसै में इनकी कलाकृतियों में समहित विविध चटकीले रंग- रूप कलाकृति को खास बनाती है | निश्चित ही रुप रेखा में इन कलाकृतियों के गहरे निहितार्थ हैं |

 

सिंह रंजीत की कलाकृति
चर्चित समकालीन युवा कलाकार ” सिंह रंजीत” की कलाकृति बरबस ही अपनी तरफ खींच लेती है अपने खास शैली और जीवन के सामान्य पक्ष को प्रकट करने के कारण | कमजोर के शोषण के आधार पर खडी़ होती है अकूत मुनाफे की संस्कृति | हमारे समय के चर्चित युवा रचनाकार रणजीत सिंह की कलाकृतियां , शोषण की इस संस्कृति के खिलाफ मजबूती से खडी़ जन संस्कृति का हिस्सा हैं | खास कर वंचित वर्ग के बच्चों , मेहनकश मजदूरों की दारुण स्थिति और उनके मुक्ति की आकांक्षा के स्वप्न , उनकी रचनाशीलता के विषय बनते हैं | सिंह रंजीत की कलाकृति के विषय वस्तु भले ही गरीब मजदूर हैं लेकिन वो हारे हुए, उदास और बेसहाय नहीं है बल्कि वे आगे बढ़ चलने कठिनाइयों से दो दो हाथ कर लेने वाले मजदूर और बच्चे हैं । एकतरह से कहा जाय उनके बेचारगी का चित्रण नहीं उनके भीतर छिपे उर्जा का चित्रण है |कठिनाइयों से भागते और शोषण से त्रस्त नहीं वरन् उसके खिलाफ खुद को खडा करते संघर्षो में तपे हुए चमकते चेहरे हैं जो दूसरे को भी ऊर्जा प्रदान करते हैं |
यर्थार्थ सादृश्य आकृतियां और पृष्ठभूमि के कल्‍पनाशील संयोजन के द्वारा रणजीत सिंह अद्भुत कलाकृतियां सृजित करते हैं | उनकी कलाकृतियों को देखना हमारे समय के ब्लैक ट्रूथ ( BLACK TRUTH ) को देखना है व समझना है | वैसे तो उनके एक श्रृंखला का नाम है ब्लैक ट्रूथ लेकिन उनकी लगभग हर कलाकृतियों में यह ब्लैक ट्रुथ दिखता है|

(प्रकाश गाडे की कलाकृति)
पेन-स्याही से अपनी चित्रकला का सृजन करने वाले मुम्बई के चर्चित समकालीन कलाकार ‘Prakash Ghadge’ की कलाकृति सम्भावनाएँ 2020 की एक विशिष्ट कलाकृति है | इनके कलाकृति से ‘सम्भावनाएँ -2020’ समृद्ध हो रहा है । कुछ ऐसे कलाकार होते हैं जो अपनी कला माध्यम को अध्यात्मिकता के स्तर पर जाकर अपनी कला को साधते हैं, उनके लिए चित्र सृजन- सृजन नहीं बल्कि आध्यात्मिकता को साधने का माध्यम होता है | कलाकार के मन की रेखांए जब कैनवस पर रुप पाती हैं तो वे एक नये संसार की रचना कर डालती हैं | ऐसा संसार जिसमें प्रकृति के कल-कल बहती नदियां हैं तो छन-छन करती धूप है | वहीं मिट्टी की सोधी गंध हमारे फेफडे़ में पहुँच कर ऐसा वातावरण बनाती है जिसमें केवल आनन्द ही आनन्द होता है | ऐसे ही कला के दुनियाँ का एक चितेरा Prakash Ghadge हैं | जिनकी कलाकृतियाँ पेन और इंक के माध्यम से ऐसे दुनियाँ सिरजती हैं जहाँ आम दर्शक जाकर उसी में खो जाता है | विचरण करने लगता है | सधी हुई सटीक अठखेलियां करती एक दूसरे को काटती रेखांएँ, चित्र संयोजन और विषय वैविध्य Ghadge जी की विशेषता है | Prakash Ghadge, नदियों , पहाड़ों और क्षितिज की ऐसी सैर कराते हैं जहाँ दर्शक खुद को भूल जाता है और चित्र के सौन्दर्य में ऐसे गोता लगाता है, ऐसे आनन्द की अनुभूति करता है जहाँ ज्ञान के साथ आनन्द ही आनन्द है । इनके लिए चित्रों को सिरजना भर नहीं बल्कि जीवन को सिरजना है, अध्यात्म को पाना है | प्रकाश जी भले ही अपने चित्रों में काले स्याही का इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह एक ऐसा प्रकाश की किरण खोजते हैं जो जीवन को प्रकाशवान बना देती है | नदी की जलधारा का ऐसा सोता खोजकर लाते हैं जो जीवन के मधुरता में मिठास भर देता है | यह जीवन की मिठास को चित्रकार, चित्र के माध्यम से दर्शक के मन तक पहुँचाने में सफल है।
शिवचन्द्र आहुजा की कलाकृति

मूर्तिकला के चर्चित समकालीन कलाकार “शिव चन्द्र आहुजा” की कलाकृति की खासियत है कि इनके विषय एक दम हमारे बीच की होती है सीधा और सरल कलाओं में हमारे जीवन के ही पक्ष किसी न किसी रुप में अभिव्यक्त होते हैं | कुछ ऐसे भी कलाकार हैं जो आम जीवन को किसी एक पल को अपने कलाकृति में बदलते हैं तो उसे विशिष्ट बना जाते हैं | यह जो खास पल होता है वह कलाकार की उस विषय के जुड़ाव और गहरी अन्तर्दृष्टि को दर्शाता है | ऐसे ही कलाकार शिव चन्द्र आहुजा हैं | सामान्य जीवन के कुछ ऐसे ही विशेष पलों को लेकर आहुजा जी अपनी कलाकृतियों का निर्माण करते हैं | ग्रामीण जीवन के साथ जीवन के अनेक राग इनके चित्रों में महसूस किया जा सकता है | मूर्तिकला में सिद्धहस्त एस सी आहुजा के पास एक गहरी दृष्टि है जो दर्शक के मन के तार को ऐसे खिंचती है जो बजते ही चले जाते हैं |
कलाकार एस सी आहुजा के कलाकृतियों को देखना एक सुखद एहसास से गुजरना है जहाँ बचपन है मित्र हैं और मित्रों की चुहूलवाजियाँ हैं ।ऐसे ही और अनेक कलाकार हैं जो अपने कलाकृतियों से सम्भावनाएं 2020 को समृद्ध कर रहे हैं। इनके अलावा देश के हर एक कोने से कलाकृतियाँ सम्भावना कला मंच द्वारा आयोजित सम्भावनाएं में शामिल हो रही हैं| अगले हिस्से में कुछविदेशी और देशी कलाकारों के सम्बन्ध में चर्चा की जायेगी । कला प्रदर्शनी को व्यवस्थित और सुन्दर बनाने में सम्भावना कला मंच के आयोजन समिति के सदस्य  रवि कुमार चौरसिया, वरुण कुमार मौर्य , सुधीर सिंह , आशीष कुमार गुप्ता राजीव कुमार गुप्ता , सीमा सिंह कृष्ण कुमार पासवान , मीरा वर्मा आदि कलाकार पूरे मनोयोग से लगे हुए हैं।